PAGES (Updated Regularly)

Friday, March 12, 2010

Shirdi Diary (Khaparde's Daily Diary) in Hindi

ॐ साईं राम!!!




Khaparde's Shirdi Diary~~~खापर्डे शिरडी डायरी~~~
२० दिसम्बर , १९११ ~~~

मैं सुबह बहुत जल्दी उठ गया और काकड़ आरती के लिए गया |  आरती समाप्त होते समय होते मैं वामनराव को वहाँ उपस्थित देख हैरान हुआ और बाद में पता चला कि उसने रास्ते में कोपरगांव के पास अपने बैल गाडी चालक को अमरुद खरीदने भेजा और बैल भाग गए | वह फिर भटकता रहा और उसे अच्छी खासी परेशानी हुई |

यह बहुत ही विचित्रा किस्सा था | साईं म अहाराज बिना कुछ स्पष्ट आवाज़ में बोले चावड़ी से निकले | उन्होंने केवल ' अल्ला मालिक ' कहा | मैं अपने ठिकाने पर वापिस पहुचाँ , प्रार्थना की और साईं महाराज के बाहर जाते हुए और फिर उनके मस्जिद लौटने पर दर्शन किए | वे बड़े ही प्रसन्न भाव  में थे | दरवेश साहेब ने मुझे बतलाया कि साईं महाराज ने उन्हें रात को दर्शन दिए और उनकी मनोकामना पुरी की | मैंने साईं महाराज से इसका ज़िक्र किया लेकिन वे कुछ नहीं बोले | आज मैंने साईं महाराज की चरण सेवा की | उनकी टांगों की कोमलता अनोखी ही है | हमार्व खाने में थोड़ी देर हुई | इसके बाद में आज मिले हुए समाचार पत्रों को पड़ने बैठा | शाम होने पर मैं मस्जिद गया और साईं बाबा के आशीष प्राप्त किए | चावड़ी के सामने उन्हें नमन किया और अपने ठिकाने लौट आया | राम मारूति बुआ भीष्म के भजन में सम्मिलित हुए औए दीक्षित ने रामायण पड़ी |




जय साईं राम!!!