Once Baba was sitting in the Masjid. A devotee sat in front of Him, when
a lizard tick-ticked. Out of curiosity, the devotee asked Baba whether
this tick-ticking of the lizard signified anything; was it a good sign
or a bad omen? Baba said that the lizard was overjoyed as her sister
from Aurangabad was coming to see her. The devotee sat silent, not
making out the meaning of Baba's words. Immediately, a gentleman from
Aurangabad came on horse-back to see Baba. He wanted to proceed further,
but his horse would not go, as it was hungry and wanted grams. He took
out a bag from his shoulders to bring grams and dashed it on the ground
to remove dirt. A lizard came out therefrom and in the presence of all,
climbed up the wall. Baba asked the questioner devotee to mark her well.
She at once went strutting to her sister. Both sisters met each other
after a long time, kissed and embraced each other, whirled round and
danced with love! Where is Shirdi and where is Aurangabad? How should
the man on horse-back come there from Aurangabad with the lizard? And
how should Baba make the prophesy of the meeting of the two sisters? All
this is really very wonderful and proves the omniscience -- the
all-knowing nature of Baba.
एक बार बाबा मसजिद में बैठे थे कि उसी समय एक छिपकली चिकचिक करने लगी ।
कौतूहलवश एक भक्त ने बाबा से पूछा कि छिपकली के चिकचिकाने का क्या कोई
विशेष अर्थ है । यह शुभ है या अशुभ । बाबा ने कहा कि इस छिपकली की बहन आज
औरंगाबाद से यहाँ आने वाली है । इसलिये यह प्रसन्नता से फूली नहीं समा
रही है । वह भक्त बाबा के शब्दों का अर्थ न समझ सका । इसलिये वह चुपचाप
वहीं बैठा रहा ।
इसी समय औरंगाबाद से एक आदमी घोडे पर बाबा के दर्शनार्थ आया । वह
तो आगे जाना चाहता था, परन्तु घोड़ा अधिक भूखा होने के कारण बढ़ता ही न था ।
तब उसने चना लाने को एक थैली निकाली और धूल झटकारने कि लिये उसे भूमि पर
फटकारा तो उसमें से एक छिपकली निकली और सब के देखते-देखते ही वह दीवार पर
चढ़ गई । बाबा ने प्रश्न करने वाले भक्त से ध्यानपूर्वक देखने को कहा ।
छिपकली तुरन्त ही गर्व से अपनी बहन के पास पहुँच गई थी । दोनों बहनें बहुत
देर तक एक दूसरे से मिलीं और परस्पर चुंबन व आलिंगन कर चारों ओर घूमघूम कर
प्रेमपूर्वक नाचने लगी । कहाँ शिरडी और कहाँ औरंगाबाद । किस प्रकार एक
आदमी घोड़े पर सवार होकर, थैली में छिपकली को लिये हुए वहाँ पहुँचता है और
बाबा को उन दो बहिनों की भेंट का पता कैसे चल जाता है-यह सब घटना बहुत
आश्चर्यजनक है और बाबा की सर्वव्यापकता की घोतक है ।