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Saturday, April 3, 2010

Khaparde's Shirdi Diary~~~खापर्डे शिरडी डायरी~~~

ॐ साईं राम!!!
http://sai-ka-aangan.org/religious-books-references/shirdi-diary-(khaparde%27s-daily-diary)-in-hindi-4228/msg59721/#msg59721
२२ दिसम्बर , १९११ ~~~

मैं काकड़ आरती में जाने के लिए सुबह जल्दी उठ गया , मगर माधवराव देशपांडे के द्वारा की गयी एक टिप्पणी के कारण मैंने नहीं जाने की सोची , लेकिन बाद में माधव राव खुद गए और मैं भी उनके साथ गया | साईं महाराज विशेष रूप से आनन्दित दिखाई पड़ रहे थे | और चुपचाप मस्जिद गए | हम सबने उनको अमन किया जब वे बाहर गए और बाद में फिर से जब वे मस्जिद में लौटे | शिंगणे और दरवेश साहेब णे आज जाने का प्रयास किया | लेकिन साईं महाराज णे आवश्यक अनुमति नहीं दी | दरवेश साहेब बीमार पड़ गए और उन्हें बुखार हो गया | डा. हाटे ने उनका इलाज किया | मेरे ख्याल से मैंने पहले कहा है की यहाँ एक टिपणीस अपनी पत्नी के साथ वास्तव्य कर रहे हैं | वह महिला बीमार है और डा. हाटे उसके लिए जो कुछ कर सकते थे वह करते रहे हैं | राम मारुति महाराज भी उसके लिए यहाँ हैं | शाम को उसको एक दौरा पड़ा , लेकिन यह एक वशीकरण निकला | दीक्षित , माधवराव देशपांडे और अन्य लोग उसे देखने गए | वह जिस घर में रहती है उसके पुराने मालिक और दो महारों के वह कब्जें में है | उस मकान मालिक ने कहा कि वह उसे मार ही देता लेकिन साईं बाबा ने उसे ऐसा न करने की आज्ञा दी | महारों को भी साईं बाबा ने दूर रखा है | जब टिपणीस ने अपनी पत्नी को इस वाड़े में ले जाने की धमकी दी तो उन आत्माओं ने बहुत ईमानदारी से विनती की और ऐसा न करने के लिए कहा | उन आत्माओं ने कहा कि साईं बाबा उनकी पिटाई करेंगें | सामान्य दिनों की तरह भीष्म के भजन हुए , और बाद में मध्य रात्रि से कुछ पहले दीक्षित के द्वारा रामायण पाठ हुआ |

जय साईं राम!!!