OM SRI SAI NATHAYA NAMAH. Dear Visitor, Please Join our Forum and be a part of Sai Family to share your experiences & Sai Leelas with the whole world. JAI SAI RAM

Wednesday, February 1, 2012

ॐ साईं राम!!!

३ जनवरी , १९१२~~~



सुबह जल्दी उठ गया , काकड़ आरती में उपस्थित हुआ और फिर अपनी प्रार्थना समाप्त की | मेरा पुत्र बाबा और गोपालराव दोरले साईं महाराज के पास गए और अमरावती लौटने की आज्ञा मांगीं | साईं महाराज ने जवाब दिया कि सभी वापस लौट सकते हैं | तब मेरा पुत्र बाबा और गोपालराव दोरले अत्यंत प्रसन्नता से लौटे | उनहोंने मुझे बतलाया इसीलिए मैं माधवराव देशपांडे के साथ गया और साईं महाराज ने अनुमति की पुष्टि की , लेकिन जब हम लौट रहे थे वे हमें खींड के पास ले गए और बोले कि हम कल जा सकते हैं | जब वे बाहर जा रहे थे मैंने उनके दर्शन किए और फिर जब वे मस्जिद लौटें | माधव राव ने मेरे रवाना होने का विषय छेड़ा और साईं महाराज ने जवाब दिया कि मेरा घर इधर और अमरावती दोनों जगह हैं | और अं जहां चाहूँ वहा रह सकता हूँ और मेरा अमरावती कभी वापिस लौटना नहीं भी हो सकता है | इससे मामला सुलझ गया , ऐसा मुझ को लगा , और मैंने अपने पुत्र बाबा और गोपालराव दोरलेको अमरावती लौट जाने को कहा | इसीलिए वे तैयार हुए और विदा कहने के लिए गए , और साईं महाराज के आशीष प्राप्त किए , उनहोंने उनको कल रवाना होने के किए कहा | दोपहर में उन्होंने कहा कि वो मेरे पूरे परिवार को कल लौटने की अनुमति देगें | मेघा ने गायत्री पुरश्चरण के अपने अनुष्टान की समाप्ति पर कुछ ब्राहमणों को भोजन कराया |हमने अपना भोजन उसी के साथ किया | भोजन साठेवाड़ा में परोसा गया | दोपहर में मैंने साईं महाराज को , मस्जिद में और जब वे रोजाना की सैर पर निकले , दोनों बार देखा | वे बहुत ही आनन्दित भाव नें थे और एक ही साथ हंस भी रहे थे और गाली भी दे रहे थे | रात को भीष्म के भजन और दीक्षित की रामायण हुई , जिसके दो अध्याय पड़े गए | तात्या पाटिल के पिता शाम को चल बसे|


जय साईं राम!!!
ॐ साईं राम!!!

२ जनवरी , १९१२~~~


मैं सुबह बहुत जल्दी उठ गया |उपासनी के भी जो कल आए थे आज दिन निकलने से पहले चले गए |मेरे प्रार्थना समाप्त करने के बाद काका महाजनी , अत्रे और एनी लोग गए| कुछ और लोग बाद में गए| सी.बी.वैद्य एनी तीन सज्जनों के साथ दोपहर की आरती के बाद गए | नाना साहेब चांदोरकर ने धर्नुमास {अधिकमास का अनुष्ठान } किया जिसमें सभी आमंत्रित थे | भोजन के बाद सी.बी .वैद्य गए , कोपर गाँव के मामलेदार मांकर और दहाणु के मामलेदार देव भी फिर रवाना हुए | बाद में सूर्यास्त के बाद नाना साहेब चांदोरकर अपने पुरे परिवार सहित गए | इसीलिए वाड़ा जो इन कुछेक दिनों में भरा और बहुत खुशहाल दिखलाई पड़ता था अब खाली सा लगता हैं और हमें साथ की कमी महसूस होती है | हमने साईं महाराज के जब वे सैर के लिए बाहर निकले तब दर्शन किए और फिर से शेज आरती पर | मेरा पुत्र बाबा और गोपालराव दोरले आज सुबह मुझे अमरावती ले जाने के लिए आए | मैनें कहा कि मेरा जाना साईं महाराज की अनुमति पर जाना निर्भर है | वे साईं महाराज से मिले और कहा कि आज्ञा मिलने में कोइ कठिनाई नहीं है | भीष्म आज ठीक नहीं हैं , इसलिए भजन नहीं हुए | राम मारुति ने आज जाना चाहा केलिन साईं महाराज ने उसे रोक लिया | रात में रामायण और भागवत का पाठ हुआ |


जय साईं राम!!!
ॐ साईं राम!!!

१ जनवरी १९१२~~~


मैं सुबह जल्दी उठ गया , काकड़ आरती के लिए चावड़ी गया | मैंने सब से पहली चीज़ साईं महाराज का चेहरा देखा और वह मधुर कृपा भाव से पूर्ण था | मैं बहुत ही आनन्दित हुआ | हमारे वाड़े में लौटने के बाद मैंने उपासनी के भाई को देखा वह धुलिया से आए हैं | मैंने पहले उन्हें पुणे और अमरावती में देखा था | वे साईं महाराज के दर्शन के लिए गए और उन्हें साईं महाराज ने कहा कि लोग अपने साथ पूर्व जन्म के अनुबंध लेकर आते हैं जिनके फल स्वरूप वे अब मिलते हैं | उन्होंने पूर्व जन्म की एक कहानी बतलाई जिसें वे बापू साहेब जोग , दादा केलकर , माधवराव देश पांडे , मैं और दीक्षित सहयोगी थे और किसी बंद गली में रहते थे | वहां उनके मुर्शिद थे | उनहोंने फिर से हमें एक साथ मिलवाया हैं | मैंने उन्हें बाहर जाते हुए देखा फिर रामायण पढनें बैठा | मैंने फिर से उनके मध्यान्ह आरती पर दर्शन किए | वे मेरे प्रति बहुत कृपालु थे | आज दीक्षित ने ' नैवेद्य ' भेंट किया और हम सब ने उनके साथ भोजन किया | मैं वैद्य , नाना साहेव चांदोरकर , दहाणु के श्री देव मामलेदार और एनी लोगों के साथ बैठा | मैं फिर से पाठ करने बैठा और फिर मस्जिद में साईं महाराज को देखने गया | उन्होंने पहले मुझे सब लोगों के साथ ही बर्खास्त कर दिया , लेकिन फिर से ये कह कर बुला लिया कि मैं ही भागने के लिए उत्सुक था | शाम को हमने चावड़ी के सामने उनके दर्शन किए और रात को भीष्म के भजन और दीक्षित की रामायण हुई | बाबा शिम्पी भजन में आए |


जय साईं राम!!!