ॐ साईं राम!!!
२७ दिसम्बर , १९११ ~~~
मैं कल रात ठीक से नहीं सोया लिकिन सुबह जल्दी उठ गया , प्रार्थना की , स्नान किया और बाकी दिनों से जल्दी तैयार हो गया | मध्यान्ह आरती के बाद लगभग तीन बजे मैंने नाश्ता किया और फिर लेट गया और मुझे अच्छी नींद आई | दोपहर में बहुत लोगों ने साईं महाराज से मिलने का प्रयास किया लेकिन उन्हें बात करने की इच्छा नहीं थी , और उन्होंने सभी को वापस भेज दिया | इसीलिए मैं नहीं गया और पड़ने के लिए बैठा | हम सब ने सांझ ढलने पर उनके दर्शन किए जब वे अपनी सैर के लिए निकले और शेज आरती पर | आज भीष्म के भजन अन्य लोगों के द्वारा इसमें गाने के कारण बहुत लम्बे चले | एक मुसलमान नवयुवक ने अपने गीत से मुझे काहीत कर दिया | फिर दीक्षित के द्वारा रामायण हुई |
जय साईं राम!!!