Om Sai Ram!!!
जोगिया बनके ए माई तेरे दर आया है साईं~
ये उनका रूप अनोखा है तेरी नज़रों का धोखा है~
उसे पहचान नहीं पाई तेरे दर आया है साईं~
जोगिया बनके ए माई तेरे दर आया है साईं~~
उनका तो सबसे नाता है, दीं दुखियो के दाता हैं~
तुझको खुशहाल बना देंगे, वो मालामाल बना देंगे~
छटेगी बदली जो छाई, तेरे दर आया है साईं~~
ईंट के तकिये को लेकर, नीम के नीचे सोया है~
तेरी तकदीर बनाने को, छोड़ के शिर्डी आया है~
दरस है उनका सुखदायी, तेरे दर आया है साईं~~
वो अपनी धुन में रहता है. साईं-साईं ही कहता है~
बदन है कंचन-कंचन, जो करदे मिटटी को कुंदन~
तेरी आँखें क्यूँ भर आई, तेरे दर आया है साईं~~
अश्वनी राह बुहारेगा, अपनी तकदीर सवारेगा~
यही हमसर की बानी है, यही पंडित की कहानी है~
पादुका साईं की आई, तेरे दर आया है साईं~~
जोगिया बनके ए माई तेरे दर आया है साईं~
ये उनका रूप अनोखा है तेरी नज़रों का धोखा है~
उसे पहचान नहीं पाई तेरे दर आया है साईं~
जोगिया बनके ए माई तेरे दर आया है साईं~~
Jai Sai Ram!!!
जोगिया बनके ए माई तेरे दर आया है साईं~
ये उनका रूप अनोखा है तेरी नज़रों का धोखा है~
उसे पहचान नहीं पाई तेरे दर आया है साईं~
जोगिया बनके ए माई तेरे दर आया है साईं~~
उनका तो सबसे नाता है, दीं दुखियो के दाता हैं~
तुझको खुशहाल बना देंगे, वो मालामाल बना देंगे~
छटेगी बदली जो छाई, तेरे दर आया है साईं~~
ईंट के तकिये को लेकर, नीम के नीचे सोया है~
तेरी तकदीर बनाने को, छोड़ के शिर्डी आया है~
दरस है उनका सुखदायी, तेरे दर आया है साईं~~
वो अपनी धुन में रहता है. साईं-साईं ही कहता है~
बदन है कंचन-कंचन, जो करदे मिटटी को कुंदन~
तेरी आँखें क्यूँ भर आई, तेरे दर आया है साईं~~
अश्वनी राह बुहारेगा, अपनी तकदीर सवारेगा~
यही हमसर की बानी है, यही पंडित की कहानी है~
पादुका साईं की आई, तेरे दर आया है साईं~~
जोगिया बनके ए माई तेरे दर आया है साईं~
ये उनका रूप अनोखा है तेरी नज़रों का धोखा है~
उसे पहचान नहीं पाई तेरे दर आया है साईं~
जोगिया बनके ए माई तेरे दर आया है साईं~~
Jai Sai Ram!!!