ॐ साईं राम
२४ फरवरी, शनिवार, १९१२-
मैं काँकड आरती में सम्मिलित हुआ और फिर हमने पँचदशी के पाठ की सँगत की। हमने साईं महाराज के बाहर जाते हुए दर्शन किए और बाद में मस्जिद में दोपहर की आरती में हिस्सा लिया। सब कुछ भली भाँति रोज़ की तरह सम्पन्न हुआ। दोपहर के भोजन के बाद मैं थोडी देर के लिए लेटा।
कोपरगाँव के मामलेदार श्रीमान साने और राजस्व निरीक्षक श्रीमान नाना साहेब , बाला साहेब भाटे के साथ आए और बैठ कर कुछ देर बातचीत की। उनके जाने के बाद हमने अपनी पँचदशी की सँगत को आगे बढ़ाया किन्तु कुछ खास प्रगति नहीं कर पाए। हमने साईं बाबा के उनकी शाम की सैर के समय दर्शन किए, और सँध्या समय नासिक की महिलाओं ने वाड़ा आरती के बाद हुए भजनो में साथ दिया। उनकी आवाज़ें बहुत अच्छीं थीं, परन्तु वे बहुत कमज़ोर दिख रहीं थी और वे लगातार साथ नहीं दे पा रहीं थी।
जय साईं राम
२४ फरवरी, शनिवार, १९१२-
मैं काँकड आरती में सम्मिलित हुआ और फिर हमने पँचदशी के पाठ की सँगत की। हमने साईं महाराज के बाहर जाते हुए दर्शन किए और बाद में मस्जिद में दोपहर की आरती में हिस्सा लिया। सब कुछ भली भाँति रोज़ की तरह सम्पन्न हुआ। दोपहर के भोजन के बाद मैं थोडी देर के लिए लेटा।
कोपरगाँव के मामलेदार श्रीमान साने और राजस्व निरीक्षक श्रीमान नाना साहेब , बाला साहेब भाटे के साथ आए और बैठ कर कुछ देर बातचीत की। उनके जाने के बाद हमने अपनी पँचदशी की सँगत को आगे बढ़ाया किन्तु कुछ खास प्रगति नहीं कर पाए। हमने साईं बाबा के उनकी शाम की सैर के समय दर्शन किए, और सँध्या समय नासिक की महिलाओं ने वाड़ा आरती के बाद हुए भजनो में साथ दिया। उनकी आवाज़ें बहुत अच्छीं थीं, परन्तु वे बहुत कमज़ोर दिख रहीं थी और वे लगातार साथ नहीं दे पा रहीं थी।
जय साईं राम