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Friday, March 12, 2010

Shirdi Diary (Khaparde's Daily Diary) in Hindi

ॐ साईं राम!!!



Khaparde's Shirdi Diary~~~खापर्डे शिरडी डायरी~~~
७ दिसम्बर , १९११ ~~~

मैं कल अच्छी नींद सोया | मेरे पुत्र और पत्नी का भीष्म के साथ मन लग रहा था | विष्णु भी यहाँ हैं | हमने आज बहुत सारे लोगों को भोजन कराया , और मैं इस जगह की नियमित दिनचर्या में आ गया हूँ | मैंने बाबा साईं महाराज को जब वे बाहर जा रहे थे , नमन किया | और उनके मस्जिद में लौटने के बाद , और फिर से शाम को , बाद में फिर से जब वे सोने के लिए चावडी में गए तब दर्शन किए | भजन-पूजन कुछ कम था | हमारे शेज आरती से लौटने के बाद , भीष्म ने और दिन की तरह भजन किए और श्री ठोसर ने कुछ पद गाए , कुछ उनकी अपनी रचनाएं थी और बाकी कबीर , दासगणु और अन्य की | दासगणु की पत्नी बया , जो पिछले साल यही थी , अब उनके पिता के घर है | हम लोग देर रात तक बात करने बैठे | रात को माधव राव देशपान्डे ने हनन बताया की दादा केलकर का बाबू नाम का एक भतीजा था |साईं महाराज उसके प्रति बहुत दयालु थे | वह बाबू मर गया और महाराज आज तक उसे याद करते हैं | श्री मोरेश्वर विश्वनाथ प्रधान जो की बंबई में एक व्यवसायी वाकी है , साईं महाराज के दर्शन करने आए | उनकी पत्नी को देख कर साईं महाज ने कहाँ कि वह बाबू की माँ हैं | बाद में वह गर्भवती हुई , और बंबई में उसके प्रसव के दें यहाँ साईं महाराज ने कहा कि उन्हें पीड़ा हुई , और यह भी कि जुडवाँ बच्चे होंगे और उनमें से एक मर जाएगा | ऐसा ही हुआ और श्रीमती प्रधान अपने छोटे पुत्र को लेकर यहाँ आई तो साईं महाराज ने उसे अपनी गोद में लिया और पूछा कि ,  क्या वह एस जगह आएगा , और दो महीने के उस बच्चे ने बहुत साफ जवाब  दिया  "" हूँ "" |


जय साईं राम!!!