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Friday, March 12, 2010

Shirdi Diary (Khaparde's Daily Diary) in Hindi

ॐ साईं राम!!!



Khaparde's Shirdi Diary~~~खापर्डे शिरडी डायरी~~~
१० दिसम्बर , १९११ ~~~

सुबह मेरे प्रार्थना ख़त्म करने से पहले बंबई के सोलिसिटर दत्तात्रेय चिटणीस आए | जब मैं मैं कालेज में पढाता था तब वे वहाँ नए-नए आए थे | इसलिए वे बहुत पुराने मित्र हैं | स्वभाविक ही है कि वे पुरानें दिनों की बाते करने बैठ गए |  हमेशा की तरह मैंने साईं महाराज के दर्शन किए जब वे बाहर गए , और बाद मैं फिर जब वे बाहर से लौटे और अपनी जगह पर बैठे |हम सब आरती के बाद वापस लौटे | नाश्ता कुछ देर में हुआ और उसके बाद मैं उपासनी से , फिर बाद में श्री नानासाहेब चांदोरकर के साथ बातचीत करने को बैठा | वे साईं महाराज के अगर मुख्य नहीं तो सबसे पुराने शिष्य है | वे बहुत ही जिंदादिल आदमी हैं , उन्होंने अपनी आपबीती मुझे बतलाई कि किस तरह वे साईं महाराज के संपर्क में आए और आत्मोन्नति की | वे मुझे उन निर्देशों को बतलाना चाहते थे जो उन्हें मिले थे लेकिन लोग इकट्ठा हो गए और वः बात सब के सामने बतलाई नहीं जा सही | मैंने दो बार दोपहर में साईं महाराज को देखने की कोशिश की वे किसी से भी मिलने के इच्छुक नहीं थे | मैंने शाम को चावड़ी पास उनके दर्शन किए और साठे साहेब , चितणीस और अन्य लोगों के साथ लम्बी बातचीत की | नरसोंबावाड़ी से कोइ एक गोखले आया | वह कहता कि उसे केड्गांव के नारायण महाराज और साईं महाराज के दर्शन का निर्देश मिला है | वह बहुत अच्छा गाता है | और रात को मैंने उससे कुछ भजन गवाए | श्री नाना साहेब चांदोरकर आज थाने लौटे हैं | बाला साहेब भाटे ,जिनका कुछ दिन पहले जो पुत्र हुआ था वह आज शाम को चल बसा | यह बहुत दुखद था | साईं महाराज ने आज दोपहर को कोइ औषधि बनाई जो उन्हेंने ली |


जय साईं राम!!!