Khaparde's Shirdi Diary~~~खापर्डे शिरडी डायरी~~~
६ दिसम्बर ,१९१०~~~
सुबह मैंने सैर की और स्नान के बाद हमने साईं महाराज को जाते हुए देखा | उन्हें सर के ऊपर एक बड़ी कड़ाईदार छतरी तानी हुई थी | बाद में हम मस्जिद गए |साईं बाबा कुछ उत्साहित से दिखाई पड़े | फिर वो उठे , वहाँ एकत्रित भोजन को बाँटा और उदी देने के बाद हमसे जाने का अनुरोध किया | हमने वैसे ही किया | दोपहर का भोजन करीब ढाई बड़े तक नहीं परोसा गया | इसके बाद हम बात चीत करने बैठे | शाम को जब वे सैर पर निकले तब हमने साईं महाराज के दर्शन किए | बाद में हम चावड़ी गए , साईं महाराज आज रात वहाँ सोते है | उनके साथ राजसी छत्र , चांदी के डंडे , चँवर और पंखे आदि थे | वह स्थान बहुत अच्छी तरह से प्रकाशमय था | राधा कृष्णा नाम की महिला दीप लेका बाहर आईं | मैंने उन्हें दूर से देखा | माधवराव देशपांडे ने बताया की वे कल बाहर जाएँगे और परसों लौटेंगे | उन्होंने साईं महाराज से जाने की आज्ञा माँगी जो उन्हें मिल गई |