Khaparde's Shirdi Diary~~~खापर्डे शिरडी डायरी~~~
१३ दिसम्बर , १९११ ~~~मैं सामान्य दिनों की तरह उठा , प्रार्थना की और स्नान करना चाहा लेकिन गर्म पानी तैयार नहीं था , इसीलिए बाहर निकला और बात करने बैठ गया | मैंने साईं महाराज को जब वे बाहर जा रहे थे , नमन किया और फिर स्नान किया | मैंने पंचदशी का पाठ किया | बाद में मैं मस्जिद में साईं महाज के दर्शन के लिए गया और आरती के बाद वापस आ गया | लगभग चार बजे मैं , बलवंत , भीष्म और बंडू के साथ गया जो मेरा हुक्का लेकर आया था , और साईं महाराज ने उसमें से कश लिया | माधव राव ने मेरे अमरावती लौटने के लिए आज्ञा माँगी लेकिन साईं महाराज बोले कि वे एस बारे में कल सुबह निश्चित करेगे | उन्होंने वहा उपस्थित सभी लोगों को मस्जिद के बाहर कर दिया और अत्यधिक स्नेह से , शुद्ध पितृभाव में मुझे निर्देश दिए | सूर्यास्त पर हम फिर से गए और चावड़ी के सामने उनके दर्शन किए | और शेज आरती में शामिल हुए | फिर भीष्म ने और दिनों से जल्दी ही पंचपदी की | भाई ने भी एक भजन गाया |
जय साईं राम!!!