Khaparde's Shirdi Diary~~~खापर्डे शिरडी डायरी~~~
११ दिसम्बर , १९११ ~~~आज सुबह प्रार्थना बहुत बहुत आनन्ददायक थी| और उसके बाद मैंने अपने को बहुत प्रफुल्लित अनुभव किया | उसके बाद मैं दत्तात्रेय चिटणीस को पंचदशी को प्रारम्भ के कुछ पद समझाने को बैठा | वह बहुत भला आदमी है | उसके बाद हम साईं महाराज के पास गए , दोनों समय जब वे बाहर गए और जब वे लौटे | उन्होंने मुझे कई बार चिलम दी और अंगूर दिए जो राधा कृष्णा माई ने भिजवाए थे | उन्होंने दो बार मेरे पुत्र बलबंत को अंगूर दिए | दोपहर में मैंने सूना कि वे मस्जिद की सफाई कर रहे थे | इसीलिए मैंने उस तरफ जाने का प्रयास नहीं किया | सभी लोग साईं महाराज के पास प्लेग से छुटकारा पाने के लिए एक शिष्ट मंडल लेकर आए | उन्होंने लोगों को सड़के साफ करने के लिए , कब्रों तथा जलाने व दफ़नाने के घाटों की सफाई करने और गरीबों को अन्नदान करने का आदेश दिया | मैंने पूरी दोपहर दैनिक अखबार पड़ने और चिटणीस तथा अन्य लोगों से बाते करने में बिताई | उपासनी कुछ रचना कर रहे हैं | शाम को हमने साईं महाराज के चावड़ी के पास दर्शन किए और फर शेज आरती में सम्मिलित हुए जिसके बाद चिटणीस , उनके इंजिनियर मित्र और एक अन्य व्यक्ति चले गए |
जय साईं राम!!!