Khaparde's Shirdi Diary~~~खापर्डे शिरडी डायरी~~~
१७ दिसम्बर , १९११ ~~~पूजा के बाद मैंने साईं महाराज के बाहर जाते हुए दर्शन किए और फिर से उनके लौटने के बाद | वे बड़े ही अच्छे भाव में थे और हमने उनके द्वारा सुनाए लतीफों का पूर्ण आनन्द लिया | नाश्ते में देर हुई क्योंकि मेघराज बेलपत्र लेने के लिए बाहर गया हुआ था | उसे लौटने में थोड़ी देर हुई | दोपहर में मैं हाजीसाहेब फाल्के , डा. हाटे , श्री शिंगणे और अन्य लोगों के साथ बातचीत करने बैठा | गोखले आज चले गये | लगभग शाम के समय मैं मस्जिद में गया लेकिन साईं महाराज ने मुझे व मेरे साथियों को दूर से नमन करने को कहा | हालाँकि उन्होंने मेरे पुत्र बलवंत को अपने पास बुलाया और उसे दक्षिणा लाने को कहा | हम सब ने उन्हें चावड़ी के सामने प्रणाम किया और फिर से रात को शेज आरती में | आज रात साईं महाराज चावड़ी में सोते हैं |
जय साईं राम!!!