ॐ साईं राम
३० दिसँबर की प्रविष्टि-
" मैंने आज नैवेद्य अर्पित किया और पूजा की। लगभग सौ लोग नाशते के लिए आमँत्रित किए गए थे जो कि बहुत देर तक चला। असल में हम शाम ४ बजे निवृत हुए। माधवराव देशपाँडे हमेशा की तरह बहुत सहायक सिद्ध हुए। बापू साहेब बूटी का वाड़ा बहुत सुन्दर तरीके से निर्मित हो रहा है। "
३१ दिसँबर की प्रविष्टि-
" भोजन के बाद मैं माधवराव देशपाँडे के साथ गया और मुझे बिना किसी परेशानी के लौटने की अनुमति मिल गई। मेरी पत्नि, मनु ताई, उमा, और बच्चे यहीं रहेंगे। "#
१९ मई १९१७ की चौथी यात्रा-
लोकमान्य तिलक के साथ दादा साहेब खापर्डे की यह आधे दिन की लघु यात्रा अपने नेता लोकमान्य को साईं बाबा का आशीर्वाद दिलवाने के लिए ले जाने के लिए आयोजित की गई थी। साईं लीला में इसका जो विवरण मिलता है वह लगभग पूर्ण ही है।
# पाठकों की सुविधा और निरँतरता बनाए रखने के लिए यह पँक्तियाँ पहले ही जोड़ दी गई हैं।
आगे जारी रहेगा॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰
जय साईं राम
३० दिसँबर की प्रविष्टि-
" मैंने आज नैवेद्य अर्पित किया और पूजा की। लगभग सौ लोग नाशते के लिए आमँत्रित किए गए थे जो कि बहुत देर तक चला। असल में हम शाम ४ बजे निवृत हुए। माधवराव देशपाँडे हमेशा की तरह बहुत सहायक सिद्ध हुए। बापू साहेब बूटी का वाड़ा बहुत सुन्दर तरीके से निर्मित हो रहा है। "
३१ दिसँबर की प्रविष्टि-
" भोजन के बाद मैं माधवराव देशपाँडे के साथ गया और मुझे बिना किसी परेशानी के लौटने की अनुमति मिल गई। मेरी पत्नि, मनु ताई, उमा, और बच्चे यहीं रहेंगे। "#
१९ मई १९१७ की चौथी यात्रा-
लोकमान्य तिलक के साथ दादा साहेब खापर्डे की यह आधे दिन की लघु यात्रा अपने नेता लोकमान्य को साईं बाबा का आशीर्वाद दिलवाने के लिए ले जाने के लिए आयोजित की गई थी। साईं लीला में इसका जो विवरण मिलता है वह लगभग पूर्ण ही है।
# पाठकों की सुविधा और निरँतरता बनाए रखने के लिए यह पँक्तियाँ पहले ही जोड़ दी गई हैं।
आगे जारी रहेगा॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰
जय साईं राम